क्या गरीब होना गुनाह है, सभा, रैली, धरने, में शोभा बढ़ाने के लिए, क्या हैं गरीब?

क्या गरीब होना गुनाह है, सभा, रैली, धरने, में शोभा बढ़ाने के लिए, क्या हैं गरीब?

क्या गरीब होना गुनाह है, सभा, रैली, धरने, में शोभा बढ़ाने के लिए, क्या हैं  गरीब?
क्या गरीब होना गुनाह है, सभा, रैली, धरने, में शोभा बढ़ाने के लिए, क्या हैं  गरीब?

जौनपुर, मछली शहर तहसील में लगभग छः सात दिनों से पल्स कम्पनी में जमा किए हुए लोग अपने सारे प्रमाण पत्र को एकत्रित कर के जैसे आधार कार्ड पैन कार्ड बैंक पासबुक और कम्पनी का बांड ये सब प्रामाण पत्र का पहले दो फ़ाइल बन रहा था लेकिन अब तीन फ़ाइल बन रहा है उसी को लेकर सभी अपना फ़ाइल जमा करने के लिए और‌ दूर दराज से आए हुए लोगों से यह जानकारी मिली कि फाइल जमा हो गए लेकिन कोई रिसिविंग नहीं मिल रहा है| गरीबो की मदद कोई नहीं करता आप देख सकते कि इस भीड़ में कोई अमीर व्यक्ति नहीं है| जबकि कोई रैली होगी गरीब, कोई धरना प्रदर्शन होगी तो गरीब, फसल बर्बाद हुआ तो परेशान गरीब, कभी अपने हक़ की लड़ाई लड़ता है गरीब| आखिर गरीब लड़ाई लड़ता है फिर भी गरीब, क्यों? वही नेता गरीबों को न्याय व हक़ दिलाते दिलाते आमिर हो जाता हैं क्यों?