पिता अपने दिव्यांग सन्तानो को लेकर खा रहा दर-दर ठोकरे, नही मिल रहा कोई सहारा

पिता अपने दिव्यांग सन्तानो को लेकर खा रहा दर-दर ठोकरे, नही मिल रहा कोई सहारा

पिता अपने दिव्यांग सन्तानो को लेकर खा रहा दर-दर ठोकरे, नही मिल रहा कोई सहारा

विकासखंड सुजानगंज क्षेत्र के ग्राम मधुपुर निवासी नागेश अपनी दिव्यांग संतानों को लेकर खा रहा दर-दर की ठोकरें दवा व इलाज के लिए नहीं मिल रहा कोई सहारा। नागेश के पास तीन संतान मे दो बेटियां जो 13 साल 11 साल पुत्र 8 साल का है सभी दिव्यांग है बड़ी पुत्री की आंख से कम दिखाई देता है बहुत नजदीक की वस्तु देख पाती है दूसरी पुत्री को भी वही दशा है तीसरा पुत्र जो 8 वर्ष का है दोनों आंख से दिव्यांग है सर्टिफिकेट में 100% दिव्यांग दिखाया गया है अपने तीनों संतानों को लेकर इलाज हेतु काफी पैसा खर्च किया परंतु कुछ राहत नहीं मिली बेहद गरीब और लाचार उसे सरकार की योजनाओं का कोई सहारा नहीं मिल पा रहा है वह लोगों से अपील कर रहा है कि कोई कहीं से कोई मदद कर दे जिससे इन संतानों के इलाज का कुछ सहारा हो जाए आयुष्मान कार्ड बना है लेकिन वह भी केवल नागेश का ही बना है अकेले नागेश का नाम होने के कारण बाकी संतानों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है वह चाह रहा है कि मेरे पुत्रों को भी आयुष्मान कार्ड में जोड़ दिया जाए जिससे उसका लाभ इलाज के लिए संतानों को मिल सके कुछ सहारा मिल जाए परंतु नाम जोड़ने का कोई विकल्प नहीं मिल पा रहा है सीएमओ तक वह अपना निवेदन कर चुका है परंतु कहीं से कोई राहत नहीं मिल पा रही है जनप्रतिनिधियों से आसरा लगाया है कि कोई भी हमारी कहीं से मदद कर दे किसी के पास पहुंचने में भी असमर्थ है बिना किसी माध्यम के किसी जनप्रतिनिधि के यहां तक पहुंच पाना भी उसके लिए कठिन कार्य है।