जोश में होश खो बैठा अतीक का छोटा बेटा असद, अब जान बचाने के लिए खेल रहा चूहे-बिल्ली का खेल

जोश में होश खो बैठा अतीक का छोटा बेटा असद, अब जान बचाने के लिए खेल रहा चूहे-बिल्ली का खेल

जोश में होश खो बैठा अतीक का छोटा बेटा असद, अब जान बचाने के लिए खेल रहा चूहे-बिल्ली का खेल

प्रयागराज, उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों की गिरफ्तारी पर डीजीपी मुख्यालय ने ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। इनमें घटना के मास्टर माइंड माफिया अतीक अहमद का फरार बेटा असद अहमद भी शामिल है। इसके अलावा घटना को अंजाम देने वाले शूटर अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर पर भी इनाम घोषित है। 

जोश में होश खो बैठा असद
पुलिस को इस हत्याकांड में अतीक के बेटे असद की तलाश बेसब्री से है। जिसकी तलाश में पूरे प्रदेश की पुलिस अपना जाल बिझाए है। इन सबके बीच एक बात सामने निकलकर आई कि उमेश हत्या के दौरान सारे शूटरों की भूमिका पहले से तय थी। इसका रिहर्सल भी किया गया था। उमेश पाल और उनके दोनों गनर को कैसे बारी-बारी से ठिकाने लगाना है, ये भी तय हो चुका था। घटना के दौरान अतीक के बेटे असद को गाड़ी में ही रहना था लेकिन वह अचानक जोश में आ गया और बाहर निकल कर उमेश पर ताबड़तोड़ फायर झोंकने लगा।

असद के हाथों में थी गैंग की कमान 
उमेश पाल हत्याकांड में वांछित चल रहे अतीक अहमद के बेटे असद ने जुर्म की दुनिया में छह महीने पहले ही कदम रख दिया था। भाई अली और उमर के सरेंडर कर जेल जाने के बाद अतीक गैंग की कमान उसने संभाल ली थी। वह अतीक की तरह ही गुर्गों को हुक्म देता था। माफिया के करीबी उसे छोटे कहकर पुकारते थे और वह गिरोह का संचालन लखनऊ के महानगर स्थित एक फ्लैट से करता था।

 महंगी घड़ियों और फोन का शौकीन है असद 
सूत्रों का कहना है कि असद महंगी घड़ियों और फोन का शौकीन है। उसके पास कई विदेशी कंपनियों की घड़ियां और फोन भी हैं। मौजूदा समय में वह एप्पल आईफोन प्रयोग करता था। लखनऊ स्थित फ्लैट में छापेमारी के दौरान पुलिस को एक आईफोन भी मिला है।

 शूटरों के कोलकाता में छिपे होने की आशंका 
सूत्रों की मानें तो अतीक के रिश्ते कोलकाता के बंदरगाह इलाके में तमाम मुस्लिम गद्दी मालिकों से हैं। अतीक ने गद्दी मालिकों के लिए कोलकाता में अपने गुर्गों के जरिए कई वारदातें भी अंजाम दी है। पुलिस को संदेह है कि उमेश पाल की हत्या करने के बाद सारे शूटर प्रयागराज के सैदाबाद में रुके थे। अगले दिन सुबह अलग-अलग जगहों की ओर भाग निकले। इनमें से कुछ शूटरों ने कोलकाता में गद्दी मालिकों के पास शरण ली है। फिलहाल किसी शूटर के विदेश भागने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।