ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने के बाद तीनो सगी बहनों के परिवार के लिए खुला सरकारी खजाना

ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने के बाद तीनो सगी बहनों के परिवार के लिए खुला सरकारी खजाना

ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने के बाद तीनो सगी बहनों के परिवार के लिए खुला सरकारी खजाना

जौनपुर/  महराजगंज थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव की तीन सगी बहनों ने आर्थिक तंगी के चलते ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने के बाद इस परिवार की मदद के लिए जिला प्रशासन ने खजाना खोल दिया है। शनिवार को बीडीओ महाराजगंज ने खाद्यान के साथ आर्थिक मदद दिया तो वही तहसील प्रशासन खेती के जमीन पट्टा करने की कवायद शुरू कर दी है। स्थानीय जनता का कहना है यदि जिला प्रशासन सरकारी सुविधाएं पहले मुहैया करा दिया होता तो आज इस अंधी माँ की तीनों बेटियां सुरक्षित होती। 

 मालूम हो कि गुरुवार की देररात स्व. राजेंद्र गौतम की तीन बेटियों प्रीति, आरती व काजल ने श्रीकृष्ण नगर (बदलापुर) स्टेशन के फत्तूपुर रेलवे क्रासिग के पास ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी। इस हृदय विदारक घटना के बाद स्वजन की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मां आशा रो-रोकर बेहाल हो गई है। भाई गणेश गुमसुम हो गया है। घटना के कारण दूसरे दिन भी अहिरौली गांव में सन्नाटा पसरा रहा। शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताने पहुंचे खंड विकास अधिकारी ने राशन के साथ ही परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर दस हजार रुपये दिया।

उन्होंने ग्राम प्रधान राकेश वर्मा व ग्राम पंचायत अधिकारी को मृत किशोरियों की मां आशा देवी को स्वीकृत आवास का छत शीघ्र बनवाने का निर्देश दिया। कार्यवाहक एडीओ (पंचायत) विजयभान यादव ने बताया कि आशा देवी के परिवार को लालकार्ड देने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत की बैठक में पारित कर भेजा जा चुका है।  

उधर अहिरौली गांव के लेखपाल संदीप जायसवाल ने बताया कि जिला प्रशासन मृत बेटियों की मां आशा देवी को कृषि योग्य भूमि का पट्टा देने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। गांव में जितनी अधिक से अधिक भूमि उपलब्ध हो सकेगी, जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर आशा देवी के नाम पट्टा कर दी जाएगी।