मरीजों को न लिखी जाएं बाहर की दवाएं,उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
मरीजों को न लिखी जाएं बाहर की दवाएं,उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
जौनपुर
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि मरीजों को किसी भी स्तर पर बाहर की दवाएं न लिखी जाएं। अस्पताल में सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। जिन दवाओं की कमी है, उनकी नए सिरे से निविदा कर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएउप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दवाइयां मरीजों तक पहुंचे, इसके लिए समय से अस्पतालों में आपूर्ति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराई जाएउपमुख्यमंत्री मंगलवार को मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर दवाओं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की समीक्षा कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दवाइयां मरीजों तक पहुंचे, इसके लिए समय से अस्पतालों में आपूर्ति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराई जाए। अधिकारी अभियान चलाकर अस्पतालों का निरीक्षण करें आवश्यक दवाइयों की सूची के अनुसार अनुपलब्ध दवाइयों की उपलब्धता के लिए दवा निर्माता कंपनियों एवं सक्षम अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निविदा आदि की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाए।जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता प्रदर्शित की जाए। नोटिस बोर्ड पर डॉक्टर का नाम, उनके बैठने का कार्य दिवस, समय आदि लिखा जाए, जिससे मरीज को किसी तरह की समस्या न हो।उन्होंने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध मरीजों को संचालित रखा जाए। हर स्वास्थ्य केंद्र पर पीने के पानी, स्ट्रेचर एवं व्हील चेयर आदि की व्यवस्था करें।क्रियाशील एवं निष्क्रिय वाहनों की अद्यतन स्थिति प्राप्त कर संचालन योग्य वाहनों को क्रियाशील रखा जाए। सभी चिकित्सालयों को राज्य स्तरीय कंट्रोल सेंटर से जोड़ते हुए उनकी निरंतर मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जाए।
विश्व बजरंग सेवा समिति गौ रक्षक समाज सेवी संगठन संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बोले कि आप कितना भी आदेश करें कि बाहर की दवा ना लिखी जाए परंतु जनपद जौनपुर के अंदर यह लोग कसम खा लिए हैं सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और अधिकारी के बाहर की हीदवा लिखेंगे हर डॉक्टर के पास बाहर के मेडिकल के कुछ लड़की बैठे रहते हैं और उसी मेडिकल से दवा लिखा जाता है जिस मेडिकल पर पर उनका पहचान है और वह दवा उसी मेडिकल पर मिलेगी और गरीब जनता का शोषण करेंगे कुछ नहीं मिलता है तो यह लोग बाहर उनको रेफर कर देते हैं अरे भर के नाम पर हॉस्पिटल के अंदर घूमते हुए दलाल इन्हीं के नजदीकी लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराते हैंऔर मोटी रकम कमाते हैं सीएमएस एके शर्मा यदि कोई समाजसेवी या मीडिया पत्रकार अगर इन से पूछता है फोन पर यह सब क्या हो रहा है गरीब पीड़ित शोषित को बाहर की दवा क्यों लिखी जाती है और उनके बाहर क्यों रेफर किया जा रहा है तो उसका नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल देते हैं और सीएमओ जब भी फोन करो तो अपने सहायक अधिकारी को दे देती है और उनका एक ही जवाब होता है कि मैडम मीटिंग में है या बाहर है यह बताइए किस से कंप्लेन किया जाए
