AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं, राउज एवेन्यू कोर्ट ने जारी किया समन
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं, राउज एवेन्यू कोर्ट ने जारी किया समन
दिल्ली. आप विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया है. कोर्ट ने 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियमों के विरुद्ध भर्तियों के आरोपों को लेकर यह समन जारी किया है. कोर्ट ने अमनातुल्लाह समेत 11 आरोपियों को 23 नवंबर को पेश होने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि सभी 11 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत भ्रष्टाचार के लिए कार्यवाही आगे बढ़ाने के वास्ते पर्याप्त आधार हैं.राउज एवेन्यू कोर्ट ने CBI की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए यह समन जारी किया है. समन जारी करते हुए कोर्ट ने कहा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत पद के दुरुपयोग से जुड़े आरोपों के दायरे में सिर्फ अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम शामिल हैं. इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया कि अमनातुल्लाह खान ने अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश के तहत वक्फ बोर्ड के सीईओ और अन्य पदों पर अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की. वो कानून के खिलाफ और मनमानी थी.
एसीबी ने अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था
उल्लेखनीय है कि विधायक अमानतुल्लाह खान को पिछले दिनों दिल्ली वक्फ बोर्ड करप्शन केस में गिरफ्तार किया गया था. उससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आप विधायक अमानतुल्ला खान के ठिकानों पर एक साथ कई जगह छापे मारे थे. इस दौरान एसीबी ने विधायक के ठिकानों से काफी आपत्तिजनक सामग्री मिलने का दावा किया था. उसके बाद एसीबी ने अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया था. पिछले दिनों ही उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी.ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं खान
खान दिल्ली की ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने वक्फ बोर्ड के बैंक खातों में काफी वित्तीय गड़बड़ियां की हैं. इनमें बोर्ड की संपत्तियों में किरायेदारी का निर्माण करने के आरोप भी लगे. इसके साथ ही वाहन खरीद मामले में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. यह मामला काफी चर्चा में रहा. बाद में इस पर सियासत भी काफी गरमाई थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जनवरी 2020 में विभिन्न प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज किया था.
कितनी सजा होने पर सांसद और विधायक गंवाते हैं सदस्यता, 6 वर्ष नहीं लड़ सकते चुनाव? सांसद और विधायक कई मामलों में अदालत से दोषी करार दिए जाने और सजा पाने के बाद अपनी सदस्यता खो देते हैं. सजा की अवधि पूरी करने के बाद 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं. सवाल उठता है कि क्या किसी मामले में दोष सिद्धि के बाद सिर्फ 2 साल से अधिक की सजा पाने पर ही सांसद और विधायक की सदस्यता खत्म होती है और वह 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है? ऐसा नहीं है. दरअसल, कुछ मामलों में सिर्फ दोषी पाए जाने और फाइन देकर छूट जाने के बाद भी सांसद और विधायक की सदस्यता खत्म हो जाती है.
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 में दोषी नेताओं, सांसदों और विधायकों को चुनाव लड़ने से रोकने का प्रावधान है. इस अधिनियम की धारा 8(1) के अंतर्गत प्रावधान है कि यदि सांसद या विधायक बलात्कार, अस्पृश्यता, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के उल्लंघन; धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करने, भारतीय संविधान का अपमान करने, प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात या निर्यात करने, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने जैसे अपराधों में लिप्त होता है, तो उसे इस धारा के अंतर्गत अयोग्य माना जाएगा और कोर्ट की तरफ से सिर्फ हर्जाना या जेल की सजा होने पर वह अपनी संसद या विधानसभा की सदस्यता गंवा देगा और 6 वर्ष के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा यानी चुनाव नहीं लड़ सकेगा.
इस अधिनियम की धारा 8(2) में प्रावधान है की कालाबाजारी, मुनाफाखोरी, मिलावटखोरी और दहेज से जुड़े मामलों में 6 महीने से अधिक की सजा होने पर विधायक या सांसद अपनी सदस्यता गंवा देगा और सजा की अवधि पूरी करने के बाद चुनाव लड़ने के लिए 6 वर्ष तक अयोग्य रहेगा. इस अधिनियम की धारा 8(3) में प्रावधान है कि किसी भी अन्य अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने वाले किसी भी विधायिका सदस्य को यदि 2 वर्ष से अधिक के कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो उसे दोषी ठहराए जाने की तिथि से आयोग्य माना जाएगा. ऐसे व्यक्ति को सजा पूरी किए जाने की तिथि से 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जाएगा. यानी साफ है कि बहुत मामलों में सिर्फ दोषी पाए जाने के साथ ही सांसद और विधायक की सदस्यता खत्म होने का प्रावधान है और 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य होने का प्रावधान है।
