भ्रष्ट व दबंग सिकरारा पुलिस ने युवक को आत्महत्या करने पर किया मजबूर, पीड़ित पिता का आरोप 

पुलिस प्रशासन के नाना प्रकार यातनाओं से भयभीत होकर युवक ने किया आत्महत्या

भ्रष्ट व दबंग सिकरारा पुलिस ने युवक को आत्महत्या करने पर किया मजबूर, पीड़ित पिता का आरोप 

भ्रष्ट व दबंग सिकरारा पुलिस ने युवक को आत्महत्या करने पर किया मजबूर, पीड़ित पिता का आरोप 

विजय प्रताप टाइम्स की दृष्टिगत सच्ची घटनाओं के साथ संवाददाता- कृष्ण कुमार तिवारी

जौनपुर उत्तर प्रदेश
सिकरारा पुलिस के यातनाओं से मानसिक रूप से क्षुब्ध होकर युवक गयाप्रसाद ने उठाया ऐसा कदम की पुलिस प्रशासन पर से भरोसा ही खत्म हो गया है। वास्तव में यदि किसी व्यक्ति ने गुनाह या अपराध कर ही दिया हो तो उसको मानवाधिकार के तहत मानवीय मूल्यों पर ही उसके खिलाफ पुलिस प्रशासन विधिक प्रशासनिक कार्यवाही मानवाधिकार के निर्देश का पालन करते हुए न्यायालय में पेश करना होता है। जबकि इस समय सबसे अहम प्रश्न यह पैदा हो गया है कि कान्हापुर निवासी गयाप्रसाद ने पुलिस प्रशासन की गलती और मनमानी करने की वजह से कोई व्यक्ति स्वयं को आत्महत्या रुपी मौत की शूली पर चढ़ जाए।
जिला जौनपुर बरईपार ग्राम कान्हापुर के मूल निवासी लालता प्रसाद के पुत्र गयाप्रसाद गुप्ता ने पुलिस प्रशासन के नाना प्रकार यातनाओं से भयभीत होकर या क्षुब्ध होकर मुंबई में ही आत्महत्या जैसे घृणित कदम उठाने पर मजबूर हो गया। इस समय कान्हापुर गांव में इस घटनाक्रम को लेकर लोगों में सन्नाटा व मातम का घोर बादल छाए हुए हैं।हर जगह के केवल गयाप्रसाद गुप्ता की चर्चा हो रही है।अब इस  प्रकार के घटनाक्रम को पुलिस प्रशासन की मनमानी और लापरवाही समझे या ये सारी चीजें जानबूझकर करवाई गई है।नबात चाहे जो भी हो लेकिन सजा तो गया प्रसाद गुप्ता को मिली।

वो अपनी हंसती खेलती जिंदगी से हाथ धो बैठा।जिसके कारण दो छोटे-छोटे बच्चे व बीबी अकारण ही असहाय और अनाथ हो गए।इनके जीवन की जिम्मेदारी कौन लेगा तथा इनके अनाथ होने का जिम्मेदार कौन है।इन सब के साथ सिकरारा पुलिस ने जादती की। किस रंजिश के कारण पुलिस महकमे ने मेरे पुत्र गया प्रसाद के साथ प्रताड़ित किया।ऐसा मृतक गया प्रसाद के पिता लालता प्रसाद गुप्ता का कहना है। एसडीएम मछली शहर ,सीओ मछली शहर, सीओ सिकरारा , वर्तमान विधायक के समक्ष की सवालात किये गये। लेकिन पुलिस प्रशासन ने एक भी सवाल का उत्तर नहीं दिया। परिजनों व ग्रामीणों का कहना है कि जितनी बाईक चोरी का इल्ज़ाम सिकरारा पुलिस ने गया प्रसाद गुप्ता  पर लगाया है और उसके पार्ट पुलिस द्वारा कम बताया गया है।जब गाड़ी नौ चोरी हुई तो गाड़ी के पार्ट्स भी गाड़ियों के हिसाब से होने चाहिए। परंतु पुलिस द्वारा यहां पूरा मामले को ही उलट पलट कर दिया गया है।
अब सबसे अहम सवाल जनता के मन में व्याप्त है कि क्या गया प्रसाद गुप्ता व उनके परिजनों को  पुलिस प्रशासन द्वारा की गयी जादती के खिलाफ न्याय मिल पायेगा? या पुलिस प्रशासन द्वारा उलटफेर लिपापोती कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा।