सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया गया
सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया गया
ब्यूरो, महावीर सिंह
प्रयागराज, करछना विधान सभा क्षेत्र के हिनौता देवरी में अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया गया । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है और भारत के लौह-पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नादिद ग्राम में हुआ था। उनके पिता झवेर भाई पटेल एक साधारण किसान और माता लाड बाई एक साधारण महिला थी। बचपन से ही पटेल कड़ी महेनत करते आए थे, बचपन से ही वे परिश्रमी थे। खेती में बचपन से ही पटेल अपने पिता की सहायता करते थे और पेटलाद की एन.के. हाई स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने 1896 में अपनी हाई-स्कूल परीक्षा पास की और स्कूल के दिनों से ही वे हुशार और विद्वान थे। जबकि घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उनके पिता ने उन्हें कॉलेज भेजने का निर्णय लिया था लेकिन वल्लभभाई ने कॉलेज जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद लगभग तीन साल तक वल्लभभाई घर पर ही थे और कठिन महेनत करके जिले के नेता की परीक्षा पास करने की तैयारी कर रहे थे और वह परीक्षा उन्होंने अच्छे गुणों से पास भी की थी। बाद में उन्होनें बड़ी मेहनत से बॅरिस्टर की उपाधी संपादन कर ली और साथ ही में देश सेवा में कार्य करने लगे। श्रीमती पटेल ने प्रदेश सरकार को कोसते हुए कहा कि आज केन्द्र और प्रदेश सरकार कमेरा समाज को निशुल्क आनाज के रूप में लालीपाप देकर शोषण कर रही है । जबकि योगी मोदी की सरकार सिर्फ विकास के नाम पर झूठा ढिढोरा पीट रही है । जमीनी हकीकत यह है कि महंगाई से कमेरा समाज जूझ रहा है और प्रदेश में लूट हत्या बलात्कार जैसी घटनाएं आम बात हो गई। जिससे दबा कुचला कमेरा समाज निजात पाना चाहता है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष सी0 एल0 ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल एक भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के मुख्य नेताओ में से एक थे और साथ ही भारतीय गणराज्य के संस्थापक जनको में से एक थे। सभा को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि के रूप मेजा विधायक संदीप पटेल ने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल एक सामाजिक कार्यकर्ता थे जिन्होंने देश की आज़ादी के लिये कड़ा संघर्ष किया था और देश को एकता के सूत्र में बांधने में उन्होंने काफी योगदान दिया था, उन्होंने भारत को एकता के सूत्र में बांधने और आज़ाद बनाने का सपना देखा था। भारत और दूसरी जगहों पर वे सरदार के नाम से भी जाने जाते । प्रदेश सरकार पर पलटवार करते हुए संदीप पटेल ने कहा कि आज हमारे देश का नेतृत्व ऐसे लोगों के हाथों में है जो लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं । जब तक लोकतंत्र को बचाने के लिए आप लोग 2024 मे अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल की नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरक्षण में अपने बीच के लोगों को सांसद चुनकर दिल्ली पहुंचाने का काम करेंगे तभी लोकतंत्र को बचाया जा सकता है । कार्यक्रम का संचालन डॉ रामसागर पटेल किया और अध्यक्षता शेष बहादुर पटेल ने उपस्थित आम जनमानस का अभिवादन किया । दिलीप पटेल, डॉ पंकज पटेल, अजय पटेल, जिला अध्यक्ष जमुनपार एडवोकेट रमेश चन्द्र पटेल, जिला अध्यक्ष गंगापार अरुण पटेल, दयाशंकर पटेल, रामबाबू पटेल देवचन्द्र पटेल सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।