पूर्व सांसद धनंजय सिंह फिर बनाए गए जेडीयू के महासचिव

पूर्व सांसद धनंजय सिंह फिर बनाए गए जेडीयू के महासचिव

पूर्व सांसद धनंजय सिंह फिर बनाए गए जेडीयू के महासचिव

जौनपुर। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव ललन सिंह ने नई कार्यकारिणी का ऐलान किया है। इसमें जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को एक बार फिर महासचिव की जिम्मेदारी सौंप गई है। धनंजय सिंह लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके पुनः ताल ठोंकने की उम्मीद है। 98 सदस्यों की कमेटी में 22 महासचिव बनाए गए हैं। जिसमें एक बार फिर धनंजय सिंह को महासचिव बनाया गया है‌। धनंजय सिंह 2019 में पूर्व मंत्री और विधायक पारसनाथ यादव के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उनके बेटे लकी यादव से हार गए थे। जिसके बाद जेडीयू ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया। तब जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन था ।

2024 में होने वाले चुनाव को लेकर लगातार चट्टी-चौराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म है‌। दुकान पर बैठे तमाम राजनीतिक विश्लेषण ने अपने राजनीतिक अनुमान लगाते रहते हैं। चर्चाओं की मानें तो पूर्व सांसद धनंजय सिंह का जौनपुर से लड़ना तय माना जा रहा है। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ठाकुरवाद के आरोपों में धनंजय सिंह ही मुख्य मुद्दा बने थे। वह समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव के निशाने पर भी थे। लेकिन बदलते मौसम के साथ अब जेडीयू 'I.N.D.I.A.' गठबंधन में है। इसमें समाजवादी पार्टी भी शामिल है। उसके सुर भी बदलते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है अगर यह गठबंधन धनंजय सिंह को स्वीकार करता है तो जौनपुर जिले में इसका प्रभाव सीधे देखने को मिलेगा। इसका असर जौनपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर पड़ सकता है।

 छात्र राजनीति से शुरू की राजनीति 
धनंजय ने सन 2002 में पहली बार रारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत कर विधानसभा पहुंचे। फिर 2007 में जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते और 2009 में बसपा की टिकट पर वह सांसद चुने गए। 2011 में बसपा से निष्कासित भी कर दिए गए। उसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए तब से अब तक कई चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं मिली । 2021 में अपनी पत्नी श्रीकला सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष बनने में सफल रहे।