वर्तमान में किया गया जल संरक्षण मानवता के भविष्य का अमृत है उसे बेवजह न लुटाएं,बोले स्वतंत्रदेव सिंह
वर्तमान में किया गया जल संरक्षण मानवता के भविष्य का अमृत है उसे बेवजह न लुटाएं,बोले स्वतंत्रदेव सिंह
आज के इस आधुनिक परिवेश में कुदरत द्वारा प्राप्त अमृतरूपी वरदान यानि कि जलनीर को विशेष महत्व न देकर उसकी अनदेखी करके मानव प्रजाति अपने भविष्य कि पीढ़ियों के प्रति गहराघात कर रही हैं जिसपर लापवाही बरतने कि सजा भी आज नीरयुक्त वसुंधरा आने वाले काल खण्ड में मरुस्थल का रूप लेकर देगी। यदि अब से जल संरक्षण के प्रति हम सभी सचेत नहीं हुए तो अत्याधुनिक प्रदूषण व घोर लापरवाही से कुपित होकर प्रकृति भी अपना मुंह मोड़ लेगी। उपरोक्त बातें जनपद जौनपुर के जफराबाद स्थित एक गंगा समग्र आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने आए बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कही उनकी बातों को गंभीरता से हर किसी को लेने कि आवश्यकता है उस पर विचार किया जाए तो ये तथ्य भी सामने निकल कर आए कि देश भर में नदियों का जाल हैं लेकिन हर तरफ गंदे नालों के प्रतिदिन हो रहे लाखों टन अशुद्ध जल के तेज प्रवाह से सभी नदियां बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं जिसमें पतितपावनी नदी गंगा भी शामिल है लेकिन शासन द्वारा संचालित पिछले नौ वर्षों से लगातार चल रहे गंगा सफाई अभियान से काफी हद तक शुद्ध करने में सफलता प्राप्त हुयी है जिसके लिए उन्होंने भारत सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का कोटि कोटि आभार जताया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के लिए संजीवनी साबित होते जल का रोजाना दुर्पयोग बंद करना होगा जो करोड़ो टन कि मात्रा में बेवजह नल से निकलकर दूषित नालों में शामिल हो जा रहा है ये प्रत्येक देशवासी कि निजी जिम्मेदारी है कि इस जल रूपी अनमोल रत्न को अपनी पीढ़ियों के भविष्य के लिए सुरक्षित रखने कि अत्यंत शीघ्र आवश्यकता है और रह गई बात नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने कि तो उस विषय पर बहुत तेजी से देश कि वर्तमान सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ संकल्पित है
