यूपी में सभी सीएचसी पर होगी गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी, सरकार करेगी जलपान की व्यवस्था
यूपी में सभी सीएचसी पर होगी गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी, सरकार करेगी जलपान की व्यवस्था
यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब हर सीएचसी पर गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की जाएगी। इस दौरान महिलाओं को जलपान भी कराया जाएगा। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत पीपीपी मॉडल यानि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत यह व्यवस्था होगी।
यूपी में अब जांच के नाम पर गर्भवती महिलाओं को दिनभर भूखा नहीं रहना होगा। सोनोग्राफी के लिए जिला मुख्यालय का चक्कर भी नहीं काटना होगा। अब सरकार सभी सीएचसी पर सोनोग्राफी की सुविधा देने जा रही है। यहां जांच के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को नाश्ता भी सरकार उपलब्ध कराएगी। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत यह योजना पीपीपी मॉडल पर शुरू हो रही है।
ग्रामीण अस्पतालों में नहीं है सोनोग्राफी सुविधा
ग्रामीण क्षेत्र के सभी अस्पतालों में अभी सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है। इससे गर्भवती महिलाओं को दिक्कत झेलनी पड़ती है। आर्थिक नुकसान भी होता है। महिलाओं को इस परेशानी से बचाने के लिए पीपीपी मॉडल पर सोनोग्राफी जांच की व्यवस्था की जा रही है।
गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर पीपीपी मॉडल पर अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जिन केंद्रों में ज्यादा गर्भवती महिलाएं होंगी, उनमें प्राथमिकता के आधार पर सुविधा पहले लागू की जाएगी।
हर महीने की 24 तारीख को अस्पतालों में लगता है कैंप
हर महीने 24 तारीख को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है। इसमें गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। साथ ही उन्हें स्वास्थ्य संबंधी अन्य सेवाएं भी दी जाती है। कई बार भीड़ होने पर महिलाओं को पूरे दिन इंतजार करना पड़ा है।
सरकार करेगी जलपान की व्यवस्था
महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने सोनोग्राफी के साथ ही जलपान की भी व्यवस्था का फैसला किया है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के तहत गर्भवती महिलाओं को जलपान की सुविधा दी जाएगी। नेशनल हेल्थ मिशन से इसके लिए बजट की व्यवस्था की गई है। यानि कि अब किसी महिला को भूखे नहीं रहना पड़ेगा।
मृत्युदर कम करने के लिए सरकार ने किया है यह फैसला
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के मुताबिक मातृ एवं शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। यह भी उसी का एक हिस्सा है। समय से जांच होगी और सुरक्षित प्रसव होगा तो मौत का खतरा कम होगा।
क्या कहते है अधिकारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आईएन तिवारी का कहना है कि नई व्यवस्था से महिलाओं को जांच के लिए जिला मुख्यालय नहीं आना होगा। मुख्यालय के जांच सेंटर पर बोझ कम होगा। समय से जांच होगी और सुरक्षित प्रसव होगा तो मृत्युदर में भी कमी आएगी।
