प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा देश का पहला ऐसा प्लाटं जहां, कचरे से बनेगा 200 टन कोयला

प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा देश का पहला ऐसा प्लाटं जहां, कचरे से बनेगा 200 टन कोयला

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा देश का पहला ऐसा प्लाटं जहां, कचरे से बनेगा 200 टन कोयला

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, देश का पहला ऐसा मॉडल बनने जा रहा है जहां कचरे से 200 टन कोयला बनाया जाएगा। इसके तहत ये उम्मीद जताई जा रही है कि सितंबर में कोयले का पहला सैंपल तैयार हो जाएगा। फिर चारकोल प्लाट में इसका परीक्षण होगा। बता दें कि बनारस के रमना इलाके में वेस्ट टू चारकोल प्लांट बनाया गया है।

 प्लांट में तैयार किया जाएगा 200 टन कोयला 
बताया जा रहा है कि रमना स्थित चारकोल प्लांट की क्षमता 600 टन है। यहां 20 टन कोयला तैयार किया जाएगा। हालांकि कोयले में कार्बन की मात्रा के परीक्षण के लिए फिलहाल थोड़ा ही कोयला बनाया जा रहा है। लेकिन बताया ये भी जा रहा है कि जुलाई 2023 तक पूरी क्षमता से कोयला बनने लगेगा।
कोयले का होगा औद्योगिक प्रयोग
रमना स्थित चारकोल प्लांट का निर्माण पर 150 करोड़ की लागत आई है। इस प्लांट में जो कोयला तैयार किया जाएगा उसका औद्योगिक इस्तेमाल होगा। यानी विभिन्न फैक्ट्रियो को उपलब्ध कराया जाएगा। जानकारी के मुताबिक रमना का चारकोल प्लाटं देश का पहला प्लांट होगा जहां इतनी बड़ी तादाद में कचरे से कोयले का उत्पादन होगा। बनारस से पहले दादरी प्लांट में 100 टन कोयले का उत्पदन हो रहा है।

 एनटीपीसी बनाएगा कचरे से कोयला 
बनारस के चारकोल प्लाट में कचरे से कोयला बनाने का काम एनटीपीसी की देखरेख में होगा। अत्याधुनिक तकनीक से कचरे से कोयला बनाया जाएगा। इसके तहत कोयले में कार्बन की मात्रा के आधार पर उसकी गुणवत्ता मापी जाएगी। नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि वेस्ट टू चारकोल प्लांट कचरा निस्तारण में महत्वूर्ण साबित होगा।

रोज 700 टन निकलता है कचरा
नगर निगम प्रशासन के मुताबिक वाराणसी शहर से रोजाना 700 टन से ज्यादा कचरा निकलता है। फिलहाल करसड़ा प्लांट में कचरे से आर्गेनिक खाद बनाई जा रही है। हालांकि इतनी अधिक खाद का मुकम्मल इस्तेमाल न होने से इसका पहाड़ सा खड़ा हो गया है।