सिपाही हत्याकांड में पूर्व विधायक विजय मिश्रा को बरी करने के इलाहाबाद HC फैसले को SC में चुनौती
सिपाही हत्याकांड में पूर्व विधायक विजय मिश्रा को बरी करने के इलाहाबाद HC फैसले को SC में चुनौती
भदोही। ज्ञानपुर पूर्व विधायक विजय मिश्रा समेत नौ आरोपियों को दोषमुक्त करने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. सभी आरोपी यूपी में 14 मई 2003 में हुए चर्चित सिपाही सूर्यमणि मिश्रा हत्याकांड में आरोपित थे. घटना के करीब 14 साल बाद मार्च 2018 में इलहाबाद हाई कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्रा समेत नौ आरोपियों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट चार हफ्ते में मामले की सुनवाई करेगा. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, भदोही के गोपीगंज निवासी सुरेंद्र मिश्रा ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में कहा था कि उनके भाई सूर्यमणि मिश्रा इलाहाबाद डीआईजी के यहां सिपाही के पद पर तैनात थे. वह अपने परिचित छात्रनेता विनोद तिवारी के साथ 14 मई 2003 की सुबह 9 बजे मोटरसाइकिल से कहीं जा रहे थे. उसी दौरान कुछ लोगों ने उन्हें गोली मार दी. सूर्यमणि की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि विनोद तिवारी गंभीर रूप से घायल हो गया था.
इन पर दर्ज हुआ था मुकदमा
सूर्यमणि के भाई सुरेंद्र मिश्र ने विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी रामलली मिश्रा, मुन्ना मिश्रा, प्रेमशंकर मिश्रा, रामचंद्र मिश्रा समेत कई अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि, मामले में विवेचना के दौरान ही पुलिस ने विधायक की पत्नी का नाम हटाकर अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले में वादी सुरेंद्र मिश्र की अर्जी पर वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमे की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में स्थानांतरित की गई थी. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते फंसाया गया क्योंकि मृतक एक विधायक का समधी था. कोर्ट ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध न होने पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
