CM आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मनाई होली
CM आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में मनाई होली
नई दिल्ली, देश में बुधवार को रंगों का त्योहार होली पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है| सभी लोग एक दूसरे पर रंग और गुलाल डाल कर तथा गले मिलकर खुशी का इजहार कर रहे हैं तथा रंगोत्सव की शुभकामनायें दे रहे हैं| होली का उल्लास सड़कों से लेकर मंदिरों तक देखा जा रहा है| बड़ी संख्या में युवा अपने दोस्तो के साथ समूह बनाकर सड़कों पर दुपहिया वाहनों पर सवार होली के रंगीन कपड़ों में सीटी बजाते, गीत गाते हुए होली का आंनद लेते दिखाई दे रहे हैं| राजधानी दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक में होली मनाई जा रही है| इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी ने भी देशवासियों को होली की शुभकामनाएं और मुबारकबाद दीं|
Holi 2023: CM योगी ने बछड़े को लगाया रंग, जानें गाय के साथ होली खेलने के पीछे की धार्मिक मान्यता उत्तर प्रदेश में आज होली की धूम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अलग-अलग कार्यकर्मों में होली खेली। उन्होंने आज होली की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर में की गौशाला से की। सीएम ने गौशाला पहुंचकर गौ माता और बछड़े को गुड़ खिलाया और अबीर भी लगाया। सीएम ने गाय के साथ होली क्यों खेली। आखिर इसके पीछे की कथा और महत्व क्या है। ये जानने के लिए हमने प्रयागराज के मेजा में रहने वाले पंडित देवेंद्र नाथ मिश्रा से बातचीत की।
गाय में रहते हैं 33 करोड़ देवता
पंडित देवेंद्र नाथ मिश्रा से हमने सवाल किया कि आखिर सब पशुओं में गाय को ही क्यों रंग लगाकर होली खेली जाती है। पंडित मिश्रा ने इसके जवाब में कहा, हिन्दू धर्म की मान्यता है कि 33 करोड़ देवी देवता गाय में वास करते हैं।
ऐसे में अगर हमने गौमाता के साथ होली खेल ली तो सभी देवी देवताओं के साथ होली खेल ली। गाय के साथ होली खेलने से सभी देवी-देवताओं के साथ होली खेलने का पुण्य और सौभाग्य मिल जाता है। यही वजह है कि होली पर गाय और बछड़े के साथ होली खेली जाती है।
गोबर से लक्ष्मीजी की मूर्ति क्यों बनाते हैं?
पंडित मिश्रा ने आगे बताया कि जब सभी देवी-देवता गाय में वास के लिए जा रहे थे तो लक्ष्मीजी इसके लिए तैयार नहीं हुईं। जब विष्णुजी भी चले गए तो लक्ष्मीजी का मन नहीं लगा। वो गौमाता के पास पहुंचीं और कहीं जगह देने की प्रार्थना की। इस पर गौमाता ने कहा कि पूरे शरीर पर देवता जगह पा चुके। अब तो सिर्फ वो जगह बची है, जहां से गोबर करते हैं। इसी वजह से होली पर गोबर से लक्ष्मी की मूर्ति बनाई जाती है।
