बेखौफ दबंगों ने डॉक्टर को जड़ा थप्पड़ डॉक्टर ने काम किया बंद
बेखौफ दबंगों ने डॉक्टर को जड़ा थप्पड़ डॉक्टर ने काम किया बंद
वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में शनिवार रात 1 बजे कुछ दबंग लड़कों ने डॉक्टर को पीट दिया। अन्य डॉक्टरों के विरोध करने पर उन्हें भी मारा पीटा। दबंगों ने अस्पताल में बवाल शुरू किया तो प्रबंधन ने फोर्स बुला ली। इस दौरान मौका देख हमलावर फरार हो गए। वहीं घटना से नाराज डॉक्टरों ने मरीजों का उपचार रोक दिया। इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डॉक्टरों को समझा बुझाकर मामला शंता किया। इसके बाद डॉक्टर काम पर लौटे। डॉक्टरोें के काम पर लौटने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। घटना की वीडियो सामने आने के बाद पुलिस आरोपियों को चिन्हित कर कार्रवाई में जुटी हुई है।
बताते हैं कि लंका क्षेत्र में रहने वाला वाला एक युवक अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ रात करीब एक बजे परिजनों के साथ रात 1 बजे सर सुंदरलाल अस्पताल पहुंचा था। युवक के साथ एक मरीज था। वह उल्टी और बुखार की शिकायत करते हुए इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गया। इसी बीच अस्पताल में अटेंडेंट की डॉक्टर से स्ट्रैचर और दवा की बात को लेकर काफी कहासुनी होने लगी। युवक का आरोप है कि उसी दौरान डॉक्टर ने उसे गाली दी। डॉक्टर की गाली सुन वह आपा खो बैठा और चिकित्सक को थप्पड़ जड़ दिया।
शोरगुल सुनकर अन्य डॉक्टर भी वहां आ गए। बात बिगड़ी तो दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। इसी बीच अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को फोन कर दिया। मामला बिगड़ता देख युवक मरीज को छोड़कर साथियों के साथ वहां से भाग निकला। परिवार के लोगों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज और उसके परिवार के लोगों की पिटाई कर दी जिससे बात बिगड़ गई। वहीं दूसरी तरफ फोर्स के मौके पर पहुंचते ही डॉक्टरों ने मरीज देखने से इनकार कर दिया। इमरजेंसी में इलाज बंद होने से गंभीर मरीजों और उनके अटेंडेंट की बेचैनी बढ़ गई। अस्पताल में अफरातफरी मच गई। इसी बीच वहां पहुंचे प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों और डिप्टी एमएस डॉ. अंकुर सिंह ने डॉक्टरों को मनाया। इसके बाद डॉक्टर काम पर लौटे। उन्होंने पुलिस पर आरोपियों को भागने का मौका देने का आरोप लगाया। बहरहाल पुलिस वीडियो फुटेज की जांच में जुटी है।
लखनऊ : जहां डेंगू केसों की संख्या अधिक वहां बनेंगे 'हॉट स्पॉट', हर इलाके में चलेगा व्यापक अभियान
राजधानी लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों का सामना करने के लिए जिला प्रशासन ने नई रणनीति तैयार की है। अब जिस इलाके में ज्यादा मामले होंगे उसे हॉट स्पॉट घोषित किया जाएगा। लखनऊ डीएम सूर्य पाल गंगवार ने शनिवार को मलेरिया और डेंगू सहित अन्य संचारी रोगों के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए चल रहे अभियान को लेकर समीक्षा बैठक की।
इस बैठक के दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि जिस इलाके में अधिक डेंगू के मामले आएंगे उन्हें हॉट स्पॉट घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही इन इलाकों में एंटी लार्वा, फॉगिंग, चूने के छिड़काव का व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि अब तक 950 मामले सामने आए हैं। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने डीएम को बताया कि जिन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है वहां फोगिंग और छिड़काव कराया जा रहा है।
डीएम ने कहा कि अगले दो दिनों में जिन क्षेत्रों में ज्यादा मामले देखने को मिलेंगे वहां भी ऐसा अभियान चलाया जाएगा। मरीजों को प्लेटलेट्स की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई। डीएम ने संचारी रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का निर्देश भी दिया है।
स्कूलों में सुबह 15 मिनट जागरूकता वीडियो भी चलाएं जाएंगे। स्मार्ट क्लास की सुविधा वाले स्कूलों में सुबह 9 बजे से सवा 9 बजे तक ये जागरकता वीडियो चलाए जाएंगे। इसके अलावा स्कूलों में संचारी रोगों के प्रति जागरूक करने वाले पोस्टर भी लगवाए जाएंगे। साथ ही यूट्यूब के माध्यम से छात्रों को जानकारी दी जाएगी। शनिवार को लखनऊ में डेंगू के 70 नए मामले सामने आए। सबसे अधिक 6 मामले आलमबाग में आ चुके हैं। राजधानी लखनऊ में अब तक 150 मामले सामने आ चुके हैं।
इन इलाकों में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ी
छावनी कैंट इलाके में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाता जवाहर सिंह, सदर के पिगरी सहित अन्य इलाकों में बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बुखार पीड़ितों को कैंटोनमेंट जनरल हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सरकारी अस्पतालों में प्लेटलेट्स की बढ़ी मांग
डेंगू का प्रकोप तेजी से पूरे जिले में फैल रहा है जिसके कारण प्लेटलेट्स की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। सरकारी अस्पतालों में प्लेटलेट्स की रोजाना डिमांड 330 से 350 के बीच पहुंच गई है। बढ़ती मांग के बीच सरकारी डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) की व्यवस्था भी पीजीआई, केजीएमयू, लिम्स जैसे बढ़े स्वास्थ्य संस्थानों में हो रही है। एक दर्जन से अधिक निजी संस्थानों में एसडीपी की सुविधा है। प्रशासन आने वाले दिनों डेंगू के खिलाफ व्यापक अभियान को इलाके दर इलाके में तेज करने जा रही है।
