बसपा में नहीं चलती अब कांशीराम की विचारधारा

बसपा में नहीं चलती अब कांशीराम की विचारधारा

बसपा में नहीं चलती अब कांशीराम की विचारधारा

बसपा में कांशीराम के सिद्धांतों की नहीं पैसों की होती है बात, तीन लाख देने में हुई देरी तो नहीं मिला टिकट 
वाराणसी। बहुजन समाज पार्टी ने नामांकन के अंतिम समय में अपने प्रत्याषियों की सोमवार को घोषणा की थी। इन प्रत्याशियों को लेकर अब वाराणसी से नए विवाद ने जन्म ले लिया है। वाराणसी से 2017 में मेयर पद पर चुनाव लड़ चुकीं एडवोकेट सुधा चौरसिया ने बसपा से टिकट की मांग की थी पर ऐन वक़्त पर उनकी जगह सुभष चंद मांझी ने नामांकन कर दिया। इस बात से आहत सुधा चौरसिया ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होने एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बसपा के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि उनसे टिकट के एवज में तीन लाख रुपये मांगे गए थे, जिसे देने में देरी हुई तो मेरा टिकट काट दिया गया।

बसपा में नहीं चलती अब कांशीराम की विचारधारा 
एडवोकेट सुधा चौरसिया ने कहा कि मै पिछले 15 वर्षों से बसपा कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जुडी हुई हूं। मैंने इसी के एवज में पार्टी से मेयर पद का टिकट मांगा था, लेकिन अब बसपा में कांशीराम की विचारधारा खत्म होचुकी है। यहां सिर्फ पैसा रह गया है। हर कोई हर काम के लिए पैसे की मांग करता है।

कोआर्डिनेटर, जिलाध्यक्ष सबको चाहिए पैसा 
सुधा चौरसिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान जिसे भी यहां भेजता है उसे पैसा चाहिए। जिला कोर्डिनेटर, जिलाध्यक्ष सभी को पैसा चाहिए। की को भी टिकट चाहिए तो पहले इन्हे पैसा दें तब उन्हें टिकट मिलेगा।

जिलाध्यक्ष ने मांगे 3 लाख रुपए 
एडवोकेट सुधा चौरसिया आरोप लगाते हुए बताया कि उससे जिलाध्यक्ष ने 3 लाख रुपए की डिमांड की थी। मुझे रात में 11 बजे कहा गया था जिसपर मैंने सुबह देने को कहा था पर उसके पहले उन्होंने किसी और को प्रत्याशी बनाकर नामांकन कक्ष में खड़ा कर दिया। इसीसे यही सिद्ध होता है कि पैसा ही सब कुछ होता है।

पार्टी छोड़ने का एलान किया 
सुधा ने कहा कि पार्टी में जिस तरह से कार्य हो रहे हैं वह स्वच्छ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। ऐसे में मै पार्टी की सदस्य्ता से अपने समर्थकों के साथ इस्तीफा दे रही हूं। वहीं उन्होंने कहा कि नगर मेयर की शैक्षिणिक योग्यता भी मायने रखती ही पर बसपा का प्रत्याशी वह आहर्ता भी नहीं रखता।

हर बार एक ही व्यक्ति को नहीं मिल सकता टिकट
वहीं इस सामान्य में जब प्रभारी/ मंडल प्रभारी बसपा राजेश भारती से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि साल 2017 में उन्हें टिकट दिया गया था। हर बार एक ही आदमी को टिकट नहीं दिया जा सकता है। हमारे यहां सभी कार्यकर्ता सामान है। जो कार्यकर्ता इस बार चुनाव अड़ेगा वो साल 1992 से पार्टी की हर गतिविधि में शामिल है। रही बात उनके एलिगेशन की तो इसपर कोई टिप्पणी नहीं करना है क्योंकि हमारी पार्टी में ऐसा होता ही नहीं। बता दें की बहुजन समाज पार्टी ने सुधा चौरसिया को 2017 में अपना कैंडिडेट बनाया था|