आजमगढ़ जेल में खुलेआम मोबाइल चला रहे अपराधी, गवाहों को दे रहे हैं धमकी
आजमगढ़ जेल में खुलेआम मोबाइल चला रहे अपराधी, गवाहों को दे रहे हैं धमकी
आजमगढ़. प्रशासन के दावों के विपरीत जिला कारागार में अपराधी और हत्यारोपी खुलेआम मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। जेल में बंदियों द्वारा मोबाइल इस्तेमाल का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मचा है। जेल में हत्या के मामले में निरुद्ध बंदी गवाहों को धमकी दे रहे हैं। जेल में बैठकर मोबाइल से धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन ने एक बंदी राजीव सिंह को मेरठ जेल ट्रांसफर किया है। वहीं दूसरे अभियुक्त राणा प्रताप सिंह पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बता दें कि 26 जुलाई को जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने संयुक्त रूप से जिला कारागार में छापेमारी की थी। छापेमारी में 12 मोबाइल फोन, एलईडी स्मार्ट टीवी और 97 पुड़िया गांजा भी बरामद हुआ था। इस मामले में जिला प्रशासन ने आठ बंदियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर डीजी जेल आनंद कुमार ने जेलर रविन्द्र सरोज, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव और दो बंदी रक्षकों अजय वर्मा और आशुतोष सिंह व जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया था।
इसके बाद भी जेल की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। प्रशासन और जेल प्रबंधन का दावा था कि कारागार में अब कोई मोबाइल अथवा आपत्तिजनक समाना नहीं है। जैमर भी ठीक से काम कर रहा है लेकिन जेल से बाहर आई वीडियो ने दावों को झूठा साबित कर दिया है। दो हत्यारोपी खुलेआम न केवल मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं बल्कि वे गवाहों को धमकी भी दे रहे है। इस मामले में जेलर विकास कटियार का कहना है कि अभियुक्त राणा प्रताप के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। जेल में मोबाइल को लेकर डीआईजी एके सिंह को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जेलर का कहना है कि आपसी प्रतिद्वंद्विता के चलते लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी। जेल प्रशासन लगातार जांच में जुटा है जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
